Posts

Showing posts from May, 2025

चाँद

Image
हम ना हमारा पता इस चाँद से देंगे क्यूंकि पता नही है ना कल तुम कहाँ होगी और मैं कहां ये गलियों गाओं शहरो के पते तो बदले जा सकते हैं इनमे से कुछ भी नही जो चिरस्थायी हो स्थायी है तो ये चाँद चाँद नही बदला जा सकता तो अबसे हम हमारा पता इस चाँद से देंगे मैं भी इस चाँद तले और तुम भी, इस ही चाँद तले.. मुझे पता है कि हमारे पते अब एक ना होंगे जी तो रहे है कहीं पर सकाश नही होंगे तेरी आंखे मेरी आंखों से फिर ना टकराएगी मेरे ठंडे पड़े हाथो को तेरी गरम हथैलियों का एहसास फिर ना होगा शायद फिर ना सँवार पाऊ तेरी गिरती लटों को मै शायद न फिर खींच संकूँ तेरे गाल अपने हाथों से मैं इससे पहले की ये यादें ख़ंजर बने इनके शोर में कहीं हम बंजर बने चाँद था आसमान में तब भी और आगे भी रहेगा तो क्यूँ ना हम हमारा पता इस चाँद से दें मैं भी इस चाँद तले और तुम भी, इस ही चाँद तले.. हो सकता हैं फिर किसी सर्द अलसुबह नींद खुले मेरी निकलूं मैं घर से बाहर तो शायद फिर ना दिखे मुझे तू मेरा इन्तज़ार करती  उस अंधेर गली के मंद रोशनी भरे नुक्कड़ पर  टहलता हुआ जा पहुंचु मैं उस बाग में जहां पेड़ों में से शरमाता चाँद हो और उसके नीचे...