मै तो इक अलफ़ाज़ हूँ माँ
।।माँ ।।
याद है मुझे
जूतों की डोरियां बांधते वक़्त जब धुप आ गिरती थी मेरे माथे पर,
तो सामने आ खड़ी होती थी तू..
कभी रूठकर तुझसे पलंग के नीचे जा छिपता था मै
तो हाथो में ममता के निवाले लिए घूमती थी तू..
चोट लगे मेरे हर जख्म पर ममता की फूँक है तू..
क्या लिखूं तेरे बारे में
मै तो इक अल्फ़ाज़ हूँ पूरी की पूरी किताब है तू..
जूतों की डोरियां बांधते वक़्त जब धुप आ गिरती थी मेरे माथे पर,
तो सामने आ खड़ी होती थी तू..
कभी रूठकर तुझसे पलंग के नीचे जा छिपता था मै
तो हाथो में ममता के निवाले लिए घूमती थी तू..
चोट लगे मेरे हर जख्म पर ममता की फूँक है तू..
क्या लिखूं तेरे बारे में
मै तो इक अल्फ़ाज़ हूँ पूरी की पूरी किताब है तू..
याद है मुझे जब मेने तेरी बात नही मानी थी
तेरा हाथ छूड़ाके भागा था मैं और साइकिल वाले ने मेरे टक्कर मार दी थी..
हां और वो भी जब पॉपकॉर्न उठाके खाने के चक्कर में उस पॉपकॉर्न वाले ने मेरा हाथ गर्म चिमटे से जला डाला था और फिर तूने उसे झाँसी की रानी बन इतना फटकारा था की फिर वो फिर पॉपकॉर्न बेचना ही भूल गया 😂😂..
सच में दिन भर धुप में खेलते बच्चे की रात की ठंडी बयार है तू..
क्या लिखूं तेरे बारे में
मै तो इक अलफ़ाज़ हूँ पूरी की पूरी किताब है तू..
तेरा हाथ छूड़ाके भागा था मैं और साइकिल वाले ने मेरे टक्कर मार दी थी..
हां और वो भी जब पॉपकॉर्न उठाके खाने के चक्कर में उस पॉपकॉर्न वाले ने मेरा हाथ गर्म चिमटे से जला डाला था और फिर तूने उसे झाँसी की रानी बन इतना फटकारा था की फिर वो फिर पॉपकॉर्न बेचना ही भूल गया 😂😂..
सच में दिन भर धुप में खेलते बच्चे की रात की ठंडी बयार है तू..
क्या लिखूं तेरे बारे में
मै तो इक अलफ़ाज़ हूँ पूरी की पूरी किताब है तू..
बस ये नही याद है मुझे पर सुना है
6 महीने का था में और बीमार बहोत था..
हर दर मंदिर मस्जिद नीम हकीम लेकर घूमी थी तू मुझे
और जब साँसे भारी होने लगी मेरी तो पटक दिया था माता के मंदिर में तूने..
याद तो नही है पर विश्वास है कितना टूट कर रोई होगी तू..
मेरी नसों में दौड़ता ये खून तेरे उन्ही आंसुओ की नमी है माँ..
क्या लिखूं तेरे बारे में मै तो इक अल्फ़ाज़ हूँ पूरी की पूरी किताब है तू माँ..
6 महीने का था में और बीमार बहोत था..
हर दर मंदिर मस्जिद नीम हकीम लेकर घूमी थी तू मुझे
और जब साँसे भारी होने लगी मेरी तो पटक दिया था माता के मंदिर में तूने..
याद तो नही है पर विश्वास है कितना टूट कर रोई होगी तू..
मेरी नसों में दौड़ता ये खून तेरे उन्ही आंसुओ की नमी है माँ..
क्या लिखूं तेरे बारे में मै तो इक अल्फ़ाज़ हूँ पूरी की पूरी किताब है तू माँ..
बस अब ये चाहत है कि..
तेरे शब्द ही मेरी नेमत बन जाये
तेरी खुशियां मेरी मंजिल बन जाये
न पढू किसी तकदीर का लिखा मेँ
बस तू मुस्कुराये और ये खुद ब खुद बुलंद हो जाये
हां याद है मुझे ..
तू मेरी माँ है और मै तेरा बेटा
तो क्या लिखूं तेरे बारे में मैं तो इक अलफ़ाज़ ही रहूँगा
पूरी की पूरी किताब है तू माँ ।।।
तेरे शब्द ही मेरी नेमत बन जाये
तेरी खुशियां मेरी मंजिल बन जाये
न पढू किसी तकदीर का लिखा मेँ
बस तू मुस्कुराये और ये खुद ब खुद बुलंद हो जाये
हां याद है मुझे ..
तू मेरी माँ है और मै तेरा बेटा
तो क्या लिखूं तेरे बारे में मैं तो इक अलफ़ाज़ ही रहूँगा
पूरी की पूरी किताब है तू माँ ।।।
तेरा नालायक
अक्षय ✍️
अक्षय ✍️
भाई वो पोपकोर्न वाली बात,और तू जब बीमार हुआ था,वो बात मुझे भी याद है।।।माँ का दिल ममता से भरा होता है,नही माँ जैसा जग में ये बात ना भूलना,ममतामयि माँ का जीवन मे दिल कभी मत दुखान।। तेरा ये ब्लॉग हर माँ को समर्पित है।।।
ReplyDeleteसच में भैया
Deleteकुछ ही रिश्ते तो निस्वार्थ निभाए जाते है इस दुनिया में और अगर बात माँ की हो तो कहना ही क्या।।
शुक्रिया आपका।। और हाँ मेरे जले हुए हाथ के साथ मुझे अंदर ले जाने के लिए भी।। 🙏🙏
👏👏😍..Next to awesome bhaiya!♥️♥️
ReplyDeleteThanks bitta..💕💕😍
Delete